राम मंदिर ट्रस्ट में अयोध्या के राजा, हिंदू पक्ष के वकील रहे पाराशरण, एक शंकराचार्य और पेजावर मठ के स्वामी शामिल

 प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बुधवार को लोकसभा में राम मंदिर ट्रस्ट के बारे में घोषणा की थी। इसके 4 घंटे बाद ट्रस्ट से जुड़े 15 सदस्यों के बारे में जानकारी सामने आई। अयोध्या विवाद में हिंदू पक्ष के मुख्य वकील रहे 92 वर्षीय के. पाराशरण को ट्रस्टी बनाया गया है। उनके अलावा एक शंकराचार्य समेत 5 सदस्य धर्मगुरु ट्रस्ट में शामिल हैं। अयोध्या के पूर्व शाही परिवार के राजा विमलेंद्र प्रताप मिश्रा, अयोध्या के ही होम्योपैथी डॉक्टर अनिल मिश्रा और कलेक्टर को ट्रस्टी बनाया गया है।


पहले कहा जा रहा था कि चार शंकराचार्यों को इस ट्रस्ट में शामिल किया जाएगा, लेकिन सरकार ने ट्रस्ट में सिर्फ प्रयागराज के ज्योतिषपीठाधीश्वर स्वामी वासुदेवानंद सरस्वती जी महाराज को शामिल किया गया है। ट्रस्ट में निर्मोही अखाड़े को भी जगह दी गई है, लेकिन अखाड़े के महंत दिनेंद्र दास को ट्रस्ट की मीटिंग में वोटिंग का अधिकार नहीं होगा।


ये होंगे ट्रस्टी


1. के पाराशरण: सुप्रीम कोर्ट के वरिष्ठ वकील हैं। इन्होंने अयोध्या मामले में हिंदू पक्ष की पैरवी की। इंदिरा गांधी और राजीव गांधी सरकार में अटॉर्नी जनरल रहे। पद्म भूषण और पद्म विभूषण से सम्मानित।
2. जगतगुरु शंकराचार्य स्वामी वासुदेवानंद सरस्वतीजी महाराज (प्रयागराज): बद्रीनाथ स्थित ज्योतिष पीठ के शंकराचार्य। हालांकि, इनके शंकराचार्य बनाए जाने पर विवाद भी रहा। ज्योतिष मठ की शंकराचार्य की पदवी को लेकर द्वारका पीठ के शंकराचार्य स्वामी वासुदेवानंद सरस्वती ने हाईकोर्ट में केस दाखिल किया था।
3. जगतगुरु मध्वाचार्य स्वामी विश्व प्रसन्नतीर्थ जी महाराज: कर्नाटक के उडुपी स्थित पेजावर मठ के 33वें पीठाधीश्वर हैं। दिसंबर 2019 में पेजावर मठ के पीठाधीश्वर स्वामी विश्वेशतीर्थ के निधन के बाद पदवी संभाली।
4. युगपुरुष परमानंद जी महाराज, हरिद्वार।
5. स्वामी गोविंद देव गिरि जी महाराज, पुणे।


6. विमलेंद्र मोहन प्रताप मिश्रा, अयोध्या के राजा।


7. डॉ. अनिल मिश्र, होम्पयोपैथिक डॉक्टर, अयोध्या।
8. श्री कामेश्वर चौपाल, पटना (एससी सदस्य)।
9. बोर्ड ऑफ ट्रस्टी द्वारा नामित एक ट्रस्टी, जो हिंदू धर्म का हो।
10. बोर्ड ऑफ ट्रस्टी द्वारा नामित एक ट्रस्टी, जो हिंदू धर्म का हो।
11. महंत दिनेंद्र दास, निर्मोही अखाड़ा, अयोध्या बैठक, अयोध्या (निर्मोही अखाड़े का प्रतिनिधि), जो कि सुप्रीम कोर्ट के फैसले के पैरा 805(4) के निर्देशानुसार ट्रस्टी होगा।
12. केंद्र सरकार द्वारा नामित एक प्रतिनिधि, जो हिंदू धर्म का होगा और केंद्र सरकार के अंतर्गत भारतीय प्रशासनिक सेवा (आईएएस) का अफसर होगा। यह व्यक्ति भारत सरकार के संयुक्त सचिव के पद से नीचे नहीं होगा। यह एक पदेन सदस्य होगा।
13. राज्य सरकार द्वारा नामित एक प्रतिनिधि, जो हिंदू धर्म का होगा और उत्तर प्रदेश सरकार के अंतर्गत भारतीय प्रशासनिक सेवा (आईएएस) का अफसर होगा। यह व्यक्ति राज्य सरकार के सचिव के पद से नीचे नहीं होगा। यह एक पदेन सदस्य होगा।
14. अयोध्या जिले के डिस्ट्रिक्ट कलेक्टर, जो कि सरकार के पूर्व कर्मचारी और हिंदू धर्म के होंगे को भी ट्रस्टी बनाया जाएगा। अगर किसी कारण से मौजूदा कलेक्टर हिंदू धर्म के नहीं हैं, तो अयोध्या के एडिशनल कलेक्टर (हिंदू धर्म) पदेन सदस्य होंगे।


15. राम मंदिर विकास और प्रशासन से जुड़े मामलों के चेयरमैन की नियुक्ति ट्रस्टियों का बोर्ड करेगा। उनका हिंदू होना जरूरी है, साथ ही वे पूर्व कर्मचारी रह चुके हों।


नियम: जो ट्रस्टी हैं उनकी ओर से (सीरियल नंबर 2 से 8 तक के) 15 दिन में सहमति मिल जानी चाहिए। ट्रस्टी नंबर 1 इस दौरान ट्रस्ट स्थापित कर अपनी सहमति दे चुका होगा। उसे सीरियल नंबर 2 से सीरियल नंबर 8 तक के सदस्यों की तरफ से ट्रस्ट बनने के 15 दिन के अंदर सहमति ले लेनी होगी।